यह article आपको पढने में बहुत मज़ा आने वाला है | और इस article को पढ़ते-पढ़ते आपको ऐसा ऐसास होगा की जैसे आप एक मसाले दार फिल्म देख रहे है | हम आपसे पूरे विश्वास से कहते है | इस article के शब्द पढकर आपके मन में एक दृश्य सा बनने लगेगा | मानो जैसे यह फिल्म चल रही हो |
यह कहानी आपको बहुत अधिक प्रेरित करेगी व सोचने पर मजबूर करेगी | जब एक लड़का 9th 3rd डिवीज़न, 10वी 3rd डिवीज़न, 11वी 3rd डिवीज़न और तीनो क्लास नकल से पास हो कर और 12th फ़ैल क्लास वाला एक लड़का | आईपीएस अफ़सर बन सकता है |
तो इस दुनिया में मेहनत से सब कुछ संभव है | हम आपको पूरी कोशिश करते है कि हम अपने लेख द्वारा आपको यह कहानी एक दृश्य के रूप में प्रस्तुत कर सके | आप सभी का एक बार फिर everythingpro.in के success story in hindi में आपका स्वागत है |
आज जिस शख्स की हम बात कर रहे है उनका नाम है डॉ. मनोज कुमार शर्मा | चलिए डॉ शब्द बाद में लगाते है | पहले सिर्फ एक मामूली लड़का मनोज से शुरू करते है |
नोट- इस article के लिखने का सिर्फ एक ही मकसद है कि इस कहानी से नयी पीढ़ी प्रेरित हो | हमारी ऐसी मंशा बिल्कुल भी नहीं है कि हम इस कहानी के बल पर किसी देश, राज्य, शहर, स्कूल व शिक्षा पर संदेह करे व गलत धारणा रखे | इस वजह से मनोज जी किस जगह से है यह हम आपको नहीं बता सकते | पर कहानी का मुख्य मकसद है प्रेणना देना | इस कहानी के सभी शब्द खुद एक इंटरव्यूह में मनोज जी के द्वारा कहे गये है | जो हर किसी को प्रेरित करेगी |
शुरुआती शिक्षा-
कहानी की शुरुआत होती है चंबल के पास एक छोटे से जिले से | बेहद गरीब परिवार में जन्मे मनोज की शुरुआती शिक्षा उनके जिले से ही हुई | मनोज चुकी पढाई में कमजोर थे | उनका पढाई में मन बिल्कुल भी नहीं लगता था | यह मन न लगने के बहुत कारण हो सकते है , माहोल न होना या फिर गरीबी या कोई और कारण |
मस्ती के वो पल-
मनोज पढाई में अच्छे न होने के कारण मनोज ने एक ऐसी जगह से दाखिला लिया जहा नकल की पूरी सुविधा हो | मनोज जैसे तैसे 9वी ,10वी और 11वी पास की, वो भी 3rd डिवीज़न | वो भी नकल के भरोसे |
मनोज व उनके मित्र की पूरी तैयारी थी कि वो इस बार 12वी में वो थोडा अच्छे से नकल करेंगे | जिससे वो 12वी में थोड़े अच्छे अंक ला सके | मनोज बताते है कि उनके मित्रो की संख्या 10 थी | जिसमे उनके मित्र ऐसे थे कि जब ब्लैक बोर्ड पर लिखने के वाबजूद वो लिख नहीं पाते थे |
जिस करण हर बार परीक्षा में उनकी 3rd डिवीज़न के अंक आते | पर वो इससे भी संतुष्ट थे | क्योकि उनका कहना था कि 12वी के बाद , टाइपिंग सीख कर कही चिपक जायेंगे | जिससे उनका जीवन यापन हो सके |
नयी जानकारी-
बदकिस्मत से शहर के नये SDM साहब बहुत सक्त थे जिनके आदेश पर नकल की सारी सुविधा बंद हो गयी | और खास तोर पर मनोज का स्कूल निशाने पर था | परीक्षा के दिन हुआ यह कि अचानक से SDM साहब का आना हुआ | और पूरा स्कूल, प्रिंसिपल , शहर के थाना दार उनके सामने हाथ जोड़ रहे और उनसे बोल रहे है कि नकल करने दो | पर उन्होंने एक नही सुनी |
यह सब पूरा दृश्य मनोज अपने मित्रो के साथ देख रहे थे | और उन्होंने अपने मित्र से पूछा कि इतना पावरफुल आदमी कोन है जिसके सामने सब हाथ पैर जोड़ रहे है | हुआ कुछ ऐसा कि नकल न होने के कारण मनोज 12वी में फ़ैल हो गये | उस दिन उन्हें जानकारी मिली की एक एग्जाम होता है और इस एग्जाम को पास करने के बाद इतना पावरफुल आदमी बन जाता है |
ऑटो रिक्शा ले गया मंजिल की ओर-
12वी में फ़ैल हो जाने के बाद , वो पैसे कमाने के लिए अपने भाई के साथ ऑटो रिक्शा चलाने लगे | एक दिन पुलिस वाले ने उनका ऑटो-रिक्शा पकड़ लिया है | उस ऑटो रिक्शा को छुड़ाने के लिए मनोज व उनके भाई SDM के पास जाते है कि उनका ऑटो रिक्शा छुट जाये |
जब मनोज SDM साहब के पास जाते है तो वोही सब उनके दिमाग में उनकी पॉवर देख कर वो भूल जाते है कि वो ऑटो रिक्शा को छुडवाने आये है | और वो सीधे SDM साहब से कहते है कि- साहब आप कैसे बने ? SDM ने बोला कि बहुत सरल है | बस थोडा सा पढना पड़ता है | और यह बात मनोज के दिमाग में बेठ गयी |
कि बस अब जिन्दगी में कुछ करना है तो बस ऐसे ही जीना है | हालाकि वो यह बात उन्हें बता भी नहीं पाए कि वो 12th फ़ैल हो गये है |
मनोज के दिमाग में बेठ गयी थी वो शान-शोकत , वो इज्जत , वो रुतवा सभी चीजे उनके दिमाग में बेठ गयी थी | या कहू उन्होंने अपने दिमाग में यह बीज बो दिया था |
सपनो ने मजबूर किया मेहनत करने को –
मनोज पढाई के लिए अपने शहर को छोडकर, सिर्फ 500 रुपय और एक थेला ले कर , ग्वालियर पढने आ गये | मनोज के पास शुरू के कुछ दिन रहने के लिये जगह भी न थी | तो वो मन्दिर के बहार जहा भिखारी सोते वहा अपनी राते बिता दिया करते | कभी कभी ऐसा होता कि वो भूखे पेट भी सो जाया करते |
पेट भरने के लिये | उन्हें एक पुस्तकालय में चपरासी की नोकरी मिल गयी | जिसमे वो झाड़ू साफ सफाई करते | वहा से उन्हें 2 चीजो में फ़ायदा मिलता है एक उनके पास कुछ पैसे आ जाना शुरू हो जाते |
दूसरा वो वहा की महान लोगो की किताबे पढ़ा करते | ऐसे उन्होंने ग्वालियर में रह कर अपनी स्नातक तक की पढाई पूरी करी | और उसके बाद वो दिल्ली आ गये | दिल्ली आने के बाद भी वोही रहने खाने की समस्या | और भी कुछ छोटे काम कर के गुजारा किया |
12वी फ़ैल का ठप्पा हर मोड़ पर-
मनोज जब भी आगे बढ़ने की सोंचते | दुनिया उनसे कहती कि तुम नहीं कर सकते | क्योकि तुम 12वी फ़ैल हुए थे | मनोज ने किसी की भी नहीं सुनी और बस अपने दिल और दिमाग का साथ दिया | दिल्ली आने के बाद एक टीचर ने मनोज पर रहम किया और उन्हें फ्री में पढने के लिए कोचिंग में आने की अनुमति दे दी |
प्यार की दस्तक-
मनोज के दिन दिल्ली में शुरू हो गये | और हम आपको बता दे | यूपीएससी में पास होने के लिए 6 ही प्रयास होते है | जिसमे उन्होंने अपने पहले प्रियास में प्री निकल दिया | पर मैन्स नहीं निकल पाया |
कोचिंग जाने के बाद एक दिन कोचिंग में टेस्ट हुआ जिसमे मनोज के नंबर अच्छे आ गये | जिस वजह से कोचिंग की लडकियों में मनोज के प्रति आकर्षण आना शुरू हो गया | और इसी के चलते मनोज को एक लड़की से प्यार होने लगा | और बस जब मनोज प्यार में पड़ने लगे |
अब में आपको मनोज के ही शब्द में बोल कर बताता हु | मनोज ने कहा ….अरे यह यूपीएससी एग्जाम, शान-शोकत, रुतवा सब बेकार है पहले लड़की महत्वपूर्ण है | और बस जब मनोज प्यार में पड़े सब भूल गये | पढाई लिखाई |
जिसके बाद जहा उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में प्री एग्जाम निकाल दिया था | वही अब वो 2 बार एग्जाम दिया पर वो उसमे पास नहीं हुए | क्योकि वो एक तडफा वाले तगड़े प्यार में जो थे | मनोज बताते है | कि उनकी इंग्लिश बहुत कमजोर थी |
तो यूपीएससी में एक इंग्लिश का एग्जाम होता है जो अनिवार्य होता है देना | जिसमे एक निबंध लिखना होता है | जब वो तीसरी बार एग्जाम देने गये तो एग्जाम में 100 नंबर का निबंध उन्होंने लिखा और बहुत खुश हुए कि उन्होंने निबंध लिख दिया है | और जब वो घर आते है और देखते है कि निबंध जो वो लिख के आये थे वो है terrorism in india और जो एग्जाम में आया हुआ था वो था tourism in india. जिस वजह से वो तीसरे प्रयास में नहीं हो पाया |
प्रेमिका से बोला कि तुम हाँ कर दो तो पलट दू दुनिया-
चोथे व लास्ट प्रयास में हुआ कुछ ऐसा | कि मनोज के कोचिंग में से एक लड़के का एग्जाम पास हो गया | जिसकी पार्टी में मनोज का बहुत अपमान हुआ | तो उनके साथ पढने वाली लड़की जिससे वो प्यार करते थे | जिनका नाम श्रद्धा था | उन्होंने बोला कि तुम अपमान के लिये हमेशा तैयार रहो क्योकि तुम अपनी अंदर की क्षमताओ उपयोग नहीं कर रहे |
अब मनोज पर प्यार का भूत चढ़ा था | मनोज ने भी पलट कर जबाब दिया- कि क्षमताओ का उपयोग तो में कर दू अगर तुम एक बार हाँ कर दो | श्रद्धा वापिस बोलती है मतलब – मनोज ने कहा कि तुम एक बार हाँ कर दो में दुनिया उल्ट पलट दूंगा | श्रद्धा ने बोला चलो… हाँ जाओ उल्ट पलट दो |
मनोज ने उसके बाद दिन रात एक कर दी | और इस बीच उन्होंने P.hd भी कर ली | ताकि यदि लास्ट चांस में कुछ भी नहीं हुआ तो कुछ और कर सके | अब वो मनोज से डॉ.मनोज शर्मा हो चुके थे |
बहुत अधिक मेहनत करने के बाद डॉ.मनोज ने आखरी प्रयास में सफलता पाई | और 2005 बैच के IPS अफ़सर बने | और साबित किया कि मेहनत से हर मंजिल पाना मुमकिन है |
डॉ.मनोज कुमार शर्मा नई पीढ़ी के लिए इतने प्रेरित हुए कि उन पर हाल ही में उनके ही मित्र अनुराज पाठक जी ने उनके जीवन के बारे में अपनी किताब में लिखा जिसका नाम है ट्वेल्थ फ़ैल (हरा वोही जो लड़ा नहीं ) प्रेणना से भरपूर्ण यह किताब नई पीढ़ी के लिए , अपने लक्ष्य की ओर प्रेरित करेगी |
हम आप सभी से उम्मीद करते है यह article आपको प्रेरित करेगी अपने लक्ष्य की ओर | अपनी अपनी राय comment box में जरुर रखे | यदि आप के पास भी कोई मोटिवेट स्टोरी है तो हम से साँझा करे | हम अपने शब्दों में और बेहतरीन बना कर आप सभी के साथ शेयर करेंगे | आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद |