चंबा (chamba) – हनीमून मनाने के लिये जब कपल घुमने के स्थान की चर्चा होती है तो चंबा (chamba) का नाम भी ध्यान आ जाता है | यह जगह ऊँचे – ऊँचे पर्वतो से तो घिरा ही है साथ ही हरियाली से भी भरिपूर्ण है | झरने , झीले , जंगल आदि यहां के आकर्षण को और अधिक बढ़ाते है |
आज से लघभग 1100 साल पहले यहां शासन कर रहे राजा साहिल वर्मा की पुत्री चंपा के नाम पर इस स्थान का नामकरण किया गया था | बाद में इस नाम को बदलकर चंबा (chamba) कहने जाने लगा |
समुद्र तल से 3000 फूट ऊँचा यह स्थल नदी के तट पर स्थित है | अपनी प्राचीन सभ्यता , संस्कृति और परम्पराओ के कारण प्रसीद्ध इस मनभावन शहर के लोगो की भाषा व पोशाक भी अलग दिखती है |
- डलहोजी – 50 किलोमीटर
- पठानकोट – 120 किलोमीटर
- धर्मशाला – 180 किलोमीटर
- जम्मू – 245 किलोमीटर
- शिमला – 422 किलोमीटर
- मनाली – 470 किलोमीटर
- दिल्ली – 580 किलोमीटर
- हरिद्वार – 610 किलोमीटर
चंबा (chamba) जाने का बेहतर समय-
यहां घुमने के लिये सबसे अच्छा समय गर्मियों में अप्रैल से जून तक का होता है | और सितंबर से दिसम्बर का समय भी ठीक रहता है | पर तब अधिक ठंड पड़ने लगती है | जो कई पर्यटकों को बेहद पसंद आती है |
चंबा (chamba) में देखने के लिये प्रमुख स्थल-
तरह-तरह के मन्दिर –
चंबा शहर मन्दिरों की नगरी के रूप में भी जाना जाता है | यहां लघभग 75 मन्दिर है | यहां के लक्ष्मी नारायण मन्दिर समूह में कई भव्य मन्दिर है | राजा साहिल वर्मा ने सन्न 920 में इन मन्दिरों को बनवाना शुरू किया था | यह मन्दिर वाकई देखने के योग्य है |
चोगान –
चंबा कस्बे के बीचो बीच स्थित यह एक प्राकृतिक घास का मैदान है , जिसे पर दिल बाग–बाग हो जाता है | यह चंबा घाटी के लोगो का संगम स्थल भी है | यहां प्रतिवर्ष जुलाई महीने में ‘मिंजर’ मेला लगता है | जिसे देखने के लिये लोग दूर दूर से आते है | कहा जाता है 50,000 से भी अधिक लोग इस मेले को देखने के लिये आते है | इस मेले में चंबा घाटी और आसपास के हस्तशिल्प की झांकी देखी जा सकती है |
भूरी सिंह संग्रहालय –
इस संग्रहालय में चंबा की चित्रकला और कांगड़ा शेली की चित्रकारियो के अतिरिक्त अनेक अमूल्य पांडुलिपिया , पुराने सिक्के , राजा महराजा के आभूषण , हथियार तथा अन्य ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व की वस्तुए रखी गयी है | जो पर्यटकों को देखने में एक अलग ही अनुभव मिलता है | यह संग्रहालय सोमवार तथा रविवार को छोडकर शेष सभी दिन खुला रहता है |
सरोल –
यह चंबा के पास ही एक अत्यंत सुंदर भव्य बाग है | यहां का मनोरम द्रश्य को देखकर मन पुलकित हो उठता है | यहां पिकनिक मनाने के लिये भी काफी संख्या में लोग आते है |
रंग महल –
किले की तरह दिखने वाला इस भव्य भवन में सुंदर बाग के अलावा अन्य चित्र भी है | जो देखने के योग्य है |
इन जगह पर भी घुमने जाये –
चंबा (chamba) पहुचने के साधन –
वायु-मार्ग, रेल–मार्ग, और सडक मार्ग तीनो से ही चंबा जाया जा सकता है |
सडक मार्ग –
दिल्ली ,अम्रतसर , लुधियाना , चंदीगढ़ , लखनऊ , बनारस , मसूरी , नैनीताल , आगरा , श्रीनगर , जम्मू ,शिमला , कुल्लू , मनाली , धर्मशाला , डलहोजी आदि से चंबा के लिये बस सेवाएँ उपलब्ध है | वैसे , देश के सभी प्रमुख शहरो से चंबा सडक-मार्ग से जुड़ा हुआ है |
रेल-मार्ग –
चंबा तक सीधे रेलगाड़ी नहीं जाती |यहां का निकटम रेलवे स्टेशन पठानकोट है | जो यहां से 120 किलोमीटर की दूरी पर है | यह दूरी बस या टेक्सी से तय की जा सकती है |
वायुमार्ग –
चंबा का निकटम एअरपोर्ट अम्रतसर और जम्मू (दोनों ही 245 किलोमीटर दूर) है | यहां से भी बस या टेक्सी द्वारा चंबा पहुचा जा सकता है |
यात्रा को सुखद , सुंदर व यादगार बनाने के लिये कुछ बातो को घ्यान में अवश्य रखना चहिये –
- अपने परिवार के साथ मिलकर सभी के साथ यह विचार कर ले कि यात्रा कहा जाना है ? यदि आपकी ज़ेब अनुमति दे , तो कम से कम 1000 किलोमीटर की दूरी तय करे | यदि आप ट्रेन से सफर करते है | तो इस दूरी से को पूरा करने में 14 से 18 घंटे लग जाते है | जो कि आपको अपने परिवार के साथ इस समय को बिताने का अवसर मिलता है | इन लम्हों का अनुभव व आनंद ही कुछ अलग होता है | साथ ही कुछ घर लाये हुए खाने की चीजो का स्वाद और भी अधिक बढ़ जाता है | साथ ही हर स्टेशन से कुछ न कुछ खाने की चीजे व सुबह के वक़्त स्टेशन की गर्म कुल्लड वाली चाय व पकोड़े सफर को और भी अधिक सुहाना बना देता है |
- आपको अपनी ट्रेन का रिजर्वेशन पहले से ही करा देना है ताकि आपके पूरे परिवार का रिजर्वेशन कंफ़र्म हो जाये | जिससे आपके सफर में कोई भी बांधा न आ सके |
- अपनी इच्छा की यात्रा का चुनाव का ध्यान रखकर पहले बजट बना ले | साथ ही अपना एटीएम कार्ड साथ रख ले व ध्यान रखे सफर के दोरान अधिक पैसे साथ न रखे |
- यात्रा पर रवाना होने के दो दिन पहले से ही यात्रा पर साथ ले जाने वाली सभी चीजो की सूची बना ले | जैसे- एटीएम कार्ड , मोबाइल चार्जर , कपडे , खाने की चीजे | ऐसे करने से साथ ले जाने वाली चीज नहीं छूटेंगी |
- यात्रा के दोरान हल्के और आरामदायक कपड़े ही ले जाना चहिये | वो भी आवश्यकता अनुसार, अधिक नहीं |
हम उम्मीद करते है यह सफर आपको बहुत पसंद आया होगा | यदि आप इस जगह जा चुके है या फिर जाने का प्लान कर रहे है तो नीचे दिये कमेंट बॉक्स में जरुर बताये |
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