कोमल भावनाओ वाला शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा ,जो पचमढ़ी में , प्राक्रतिक सोंदर्य को मोहित होने पर खुद को रोक पता हो |
फिर जिन लोगो को एक ही शहर में आपको हरे भरे पेड़ , पर्वत , ऊँचे पहाड़ो से गिरते झरने , पक्षियों की मधुर आवाजे , मखमली वाले घासवाले मैदान , फोलो के बाघ , बड़ी बड़ी खाईयां , गुफाये सभी चीजे देखने को मिले जाये , तो हर किसी के दिलो – दिमाग पर यह शहर अपनी छाप छोड़ जाता है |
भारत में कई ऐसे पर्यटन स्थल है जिनमे झरने , गुफाये , फोलो व फलो के बाग , हरे भरे जंगल , उनमे से ही एक पर्यटन स्थल है मध्य प्रदेश का पचमढ़ी | चलिए आज एक और सुंदर सफर तय करते है | जिसके बारे में जान कर आपका मन पचमढ़ी के हरे भरे जंगलो व गुफाओ में पहुच जायेगा |
समुद्र तल से 1067 मीटर की ऊंचाई पर सतपुड़ा की पहाड़ियों के आंचल में जंगलो के मध्य बसे इस सुंदर स्थान की खोज केप्टन फोरसीथ नामक अंग्रेज ने आज से 150 वर्ष पूर्व पहले की थी |
नर्मदा की घाटी के ऊँची पहाड़ी पर बसे इस शहर के बारे में यह माना जाता है कि प्राचीन काल में इस स्थान का नाम ‘पचमठी’ था , जिसका अर्थ है पांच गुफाये | कहा यह जाता है कि पांच गुफाओ में पांचो पांडवो ने अपने वनवास के कुछ वर्ष व्यतीत किये थे |
कुछ प्रमुख नगरो से दूरी –
- भापोल – 210 किलोमीटर
- जबलपुर – 225 किलोमीटर
- नागपुर – 255 किलोमीटर
- इंदोर – 355 किलोमीटर
- उज्जैन – 410 किलोमीटर
- इलाहबाद – 600 किलोमीटर
- दिल्ली – 700 किलोमीटर
पचमढ़ी जाने का बेहतर समय-
बरसात के मौसम को छोड़कर कर आप वर्ष के किसी भी माह में पचमढ़ी का रोमांचक सहर कर सकते है | अधिकतर लोग यहां अक्टूबर के प्राम्भ से जून के मध्य तक लोग घुमने – फिरने के लिए आना बेहतर समझते है | वैसे यहां गर्मी के दिनों में न तो बहुत गर्मी पड़ती है और न ही ठंडो के दिनों पर ठंड | यदि आप मार्च में आएंगे , तो महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां लगने वाले बड़े मेले को भी देख सकते है |
पचमढ़ी में देखने के लिये प्रमुख स्थल-
पचमढ़ी में कई देखने लायक स्थल है जिनमे से कुछ प्रमुख यह है –
पांडव गुफाये –
नगर के दक्षिण भाग में स्थित इन गुफाओ के सम्बन्ध में कहना है कि पांडवो ने अपने वनवास के कुछ वर्ष यहा बीताये थे | पुरातत्व वेत्ताओ के अनुसार , बोद्धकालीन है | इस स्थान पर अलग अलग मन्दिर बनाये गये है |
हांडी खोह –
अंग्रेज सेनिक अधिकारी कर्नल हांड़ी , जो की शिकारी भी था | हांड़ी ने इस जगह की खोज शिकार के दोरान की थी इसलिए इस जगह का नाम हांडी रख दिया गया |
इस जगह पर एक सेंकडो फूट गहरी खाई है , जिसको देख कर ही रोंगटे खड़े हो जाते है | स्वंत्रता- संग्राम के दोरान सेंकडो सेनिक को इसी खाई में फ़ेक दिया गया था |
बी फाल –
यह एक अत्यंत मनोरम जलप्रपात है , जो नगर के 3 किलोमीटर दूर स्थित है | इसके पास तक जाने के लिए आधा किलोमीटर दूर स्थित है | इसके पास तक जाने के लिए आधा किलोमीटर नीचे उतरना पड़ता है | यहां लघभग 150 फूट की ऊंचाई से गिर रही धवल जलधारा को देखने पर लगता है कि दूध की तेज धारा गिर रही हो | यहां के सुखद परिवेश में तन मन को बेहद सकूंन मिलता है |
अप्सरा विहार –
पचमढ़ी से 5 किलोमीटर दूर शांत वातावरण में स्थित इस स्थान पर एक सुंदर झरना है , जिसका जल काफी ऊंचाई से गिरता है | यहां एक खुबसूरत जलाशय भी है , जिसमे लोगो के नहाने और तेरने की अच्छी व्यवस्था है |
पाताल कोट –
पचमढ़ी से 65 किलोमीटर दूर स्थित यह स्थल सिर्फ देश में ही नहीं वल्कि सम्पूर्ण विश्व में अद्भुत है | यह एक पूरी बस्ती है जो जमीन से काफी नीचे पाताल में बसी है | इस बस्ती में आने पर ऐसा प्रतीक होता है कि एक दूसरी दुनिया में आ गये हो |
कुछ और अन्य प्रमुख देखने लायक स्थल है जिसमे से घूपगढ़ , महादेव , जटाशंकर , चोरागढ़ , तामिया , आदि |
पचमढ़ी पहुचने के साधन-
पचमढ़ी में कोई हवाई अड्डा नहीं है | इसके आसपास अपेक्षाकृत निकट वाले हवाईअड्डे भोपाल और नागपुर के ही है | यहां के लिये ग्वालियर , इंदोर , दिल्ली और मुंबई से नियमित उड़ाने है |
पचमढ़ी में कोई भी रेलवे स्टेशन भी नहीं है | यहां का निकटम रेलवे स्टेशन पिपरिया रेलवे स्टेशन है | पिपरिया से यहा तक की दूरी 45 किलोमीटर है जो बस या टेक्सी से पूरी की जा सकती है | यदि आपकी ट्रेन रात में पिपरिया पहुचे , तो आप स्टेशन के पास ही स्थित टूरिस्ट होटल में ठहर सकते है |
यहाँ भी जाये घुमने :
यात्रा को सुखद , सुंदर व यादगार बनाने के लिये कुछ बातो को घ्यान में अवश्य रखना चहिये –
- अपने परिवार के साथ मिलकर सभी के साथ यह विचार कर ले कि यात्रा कहा जाना है ? यदि आपकी ज़ेब अनुमति दे , तो कम से कम 1000 किलोमीटर की दूरी तय करे | यदि आप ट्रेन से सफर करते है | तो इस दूरी से को पूरा करने में 14 से 18 घंटे लग जाते है | जो कि आपको अपने परिवार के साथ इस समय को बिताने का अवसर मिलता है | इन लम्हों का अनुभव व आनंद ही कुछ अलग होता है | साथ ही कुछ घर लाये हुए खाने की चीजो का स्वाद और भी अधिक बढ़ जाता है | साथ ही हर स्टेशन से कुछ न कुछ खाने की चीजे व सुबह के वक़्त स्टेशन की गर्म कुल्लड वाली चाय व पकोड़े सफर को और भी अधिक सुहाना बना देता है |
- आपको अपनी ट्रेन का रिजर्वेशन पहले से ही करा देना है ताकि आपके पूरे परिवार का रिजर्वेशन कंफ़र्म हो जाये | जिससे आपके सफर में कोई भी बांधा न आ सके |
- अपनी इच्छा की यात्रा का चुनाव का ध्यान रखकर पहले बजट बना ले | साथ ही अपना एटीएम कार्ड साथ रख ले व ध्यान रखे सफर के दोरान अधिक पैसे साथ न रखे |
- यात्रा पर रवाना होने के दो दिन पहले से ही यात्रा पर साथ ले जाने वाली सभी चीजो की सूची बना ले | जैसे- एटीएम कार्ड , मोबाइल चार्जर , कपडे , खाने की चीजे | ऐसे करने से साथ ले जाने वाली चीज नहीं छूटेंगी |
- यात्रा के दोरान हल्के और आरामदायक कपड़े ही ले जाना चहिये | वो भी आवश्यकता अनुसार, अधिक नहीं |
हम उम्मीद करते है यह सफर आपको बहुत पसंद आया होगा | यदि आप इस जगह जा चुके है या फिर जाने का प्लान कर रहे है तो नीचे दिये कमेंट बॉक्स में जरुर बताये |
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