माउन्ट (mount abu) – चूँकि राजस्थान में भीषण गर्मी पड़ती है , इसलिए गर्मी के मौसम में इस प्रदेश का नाम लेते है ही तपती धरती और पसीने से लथपथ ओग आँखों के सामने दीखते से प्रतीत होते है | परन्तु इस प्रदेश के प्रमुख पर्यटन-केंद्र माउन्ट आबू के साथ ऐसी बात नहीं है |
समुद्र तल से 1200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थान इतिहास में भी चर्चित रहा है | उत्क्रष्ट वास्तुकला और मनोहरी प्राकृतिक द्रश्य के अतिरिक्त लुभावना वन्य जीवन भी यहां का आकर्षण कई गुना बड़ा देता है | गुलमोहर , कनेर ,खजूर , केवड़ा , जूही , बोनवेलिया आदि के पेड़ – पोधो की अधिकता के कारण यहां के पूरे परिवेश में सुगंध तेरती हुई सी प्रतिक होती रहती है |
माउन्ट (mount abu) आबू से कुछ प्रमुख नगरो से दूरी –
- उदयपुर – 185 किलोमीटर
- अहमदाबाद – 220 किलोमीटर
- जोधपुर – 265 किलोमीटर
- अजमेर – 360 किलोमीटर
- जयपुर – 490 किलोमीटर
- आगरा – 735 किलोमीटर
- दिल्ली – 750 किलोमीटर
- मुंबई – 750 किलोमीटर
माउन्ट (mount abu) आबू में जाने का बेहतर समय –
यहां देखने घुमने के लिये गर्मी में मार्च से जून तक और सितंबर से नवम्बर के अंत तक का समय ठीक रहता है |
इस अवधि में न सिर्फ हरियाली बढ़ जाती है , वल्कि पेड़ – पोधो के पत्ते भी धुले धुले से व सुंदर लगते है |
माउन्ट (mount abu) आबू में देखने के लिये स्थान –
माउन्ट आबू में कई देखने के लिये स्थान है जिसमे से कुछ यह है –
नक्की झील –
यह झील सम्पूर्ण भारत में समुद्र तल से सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित है | इस झील की दिलचस्प बात यह है कि देवताओ ने अपने नखों (नाखुनो) से खोद खोदकर बनाया था | इसलिए ही इस झील को नक्की झील बोला जाता है |
हरी भरी पहाड़ियों के बीच स्थित इस झील के किनारे पंक्तियों में खड़े खजूर के पेड़ो और इनके चारो तरफ जल रहे छोटे मोटे बल्ब की रौशनी जब शाम को जल पर पड़ती है , तो इस सुंदर द्रश्य को देर तक निहारने को जी करता है |
नोका विहार की सुविधा से युक्त इस स्थान पर पिकनिक मनाना बहुत ही अच्छा लगता है | अधिकतर शाम को यहा नवविवाहित जोड़े समय बिताते है | जो वो अपने साथ यहा की सुन्दरता और यादे केद कर के ले जाती है |
इस झील के किनारे भिन्न–भिन्न आकार की ऐसी कई विशाल चट्टानें है , जो सुंदर तो है ही पर प्रकृति ने इन्हें अलग–अलग प्राणियों की शक्ल दे राखी है |
मसलन – एक अति विशाल चट्टान मेढ़क जेसी दिखती है जिसे ‘टॉड रोक’ कहते है | इसी तरह यहां घूंघट निकाले हुई युवती की आकृतिवाली एक प्रसिद्ध चट्टान है , जिसे नन रॉक कहा जाता है |
यह भी पढ़े : अधिकतर भारत के लोग जाते है इस शानदार जगह पर
सनसेट पॉइंट –
यह वह जगह है जहा सूर्यास्त के समय सूर्य की किरणों के साथ रंगों का सुंदर द्रश्य देखने के लिये हर रोज पर्यटक यहा बड़ी संख्या में मोजूद होते है |
सूर्यास्त के बाद आसमान में बिखरी लालिमा का अद्भुत नजारा होता है | जो देखने में बेहद सुंदर लगता है |
लवर्स रॉक –
सनसेट पॉइंट के समीप ही स्थित यह स्थान पर खड़ी दो चट्टानें प्राकृतिक रूप से इस तरह का आकार ले चुकी है कि लगता है , कोई युगल (प्रेमी–प्रेमिका) एक दूसरे में खोये हुए है |
यहां पर हनीमून पॉइंट भी है | जो नवविवाहित युगलों का प्रिय स्थान है | यहां पर्यटन विभाग ने घने पेड़ो के तले छोटी-छोटी झोपड़िया का निर्माण कराया है |
इनमे प्राय: वो युगल ही ठहरते है जो हनीमून मनाने के लिये आते है | यहां से भी सूर्योदय और सूर्यास्त का सुंदर द्रश्य दिखाई पड़ता है |
अचलगढ़-
नगर से लघभग 10 किलोमीटर दूर इस स्थान पर एक दुर्ग है , जिसे महराणा ने सन्न 1452 में बनवाया था |
इस दुर्ग में रानी ओखा का महल और अनाज का भव्य भंडार बना हुआ है | यहां एक तालाब और कुछ मन्दिर भी है |
जिसमे अचेलश्वर महादेव का मन्दिर अधिक प्रसिद्ध है | शेष मन्दिर में 4 जैन मन्दिर भी है , जो 16वी शताव्दी में बनवाए गये थे |
माउन्ट (mount abu) आबू पहुचने के साधन –
सडक मार्ग –
अगर आप अपनी खुद की गाड़ी से सडक मार्ग से यात्रा कर रहे है , तो कोई भी दिक्कत नहीं होगी , क्योकि राजस्थान और गुजरात के सभी प्रमुख शहरों से माउन्ट आबू का मार्ग जुड़ा हुआ है |
वायुमार्ग –
अगर आपका प्रोग्राम वायुयान से है माउन्ट आबू पहुचने का है तो यहा के निकटम हवाई अड्डा उदयपुर का डबोक हवाई अड्डा है |
उदयपुर से माउन्ट आबू की दूरी बस या टेक्सी से पूरी की जा सकती है |
रेलमार्ग –
यदि आप रेलमार्ग से माउन्ट आबू आना चाहते है तो यहां का निकटम रेलवे स्टेशन आबू रोड है | जो की माउंट आबू से 30 किलोमीटर दूर है |
यहां दिल्ली , जयपुर , जोधपुर और अहमदाबाद से रेलमार्ग सीधे जुड़ा हुआ है | आबू रोड से दूरी बस या टेक्सी से दूरी तय की जा सकती है |
माउन्ट (mount abu)आबू में ठहेरने के लिये होटल-
यहां हर दर्जे के होटल है , जिनमे प्रमुख है – शिखर , सनसेट इन , महारानी , माउन्ट , सनराइज पैलेस आदि | इनके अतिरिक्त सर्किट हाउस और सरकारी कॉटेजे भी है |
यात्रा को सुखद , सुंदर व यादगार बनाने के लिये कुछ बातो को घ्यान में अवश्य रखना चहिये –
- अपने परिवार के साथ मिलकर सभी के साथ यह विचार कर ले कि यात्रा कहा जाना है ? यदि आपकी ज़ेब अनुमति दे , तो कम से कम 1000 किलोमीटर की दूरी तय करे | यदि आप ट्रेन से सफर करते है | तो इस दूरी से को पूरा करने में 14 से 18 घंटे लग जाते है | जो कि आपको अपने परिवार के साथ इस समय को बिताने का अवसर मिलता है | इन लम्हों का अनुभव व आनंद ही कुछ अलग होता है | साथ ही कुछ घर लाये हुए खाने की चीजो का स्वाद और भी अधिक बढ़ जाता है | साथ ही हर स्टेशन से कुछ न कुछ खाने की चीजे व सुबह के वक़्त स्टेशन की गर्म कुल्लड वाली चाय व पकोड़े सफर को और भी अधिक सुहाना बना देता है |
- आपको अपनी ट्रेन का रिजर्वेशन पहले से ही करा देना है ताकि आपके पूरे परिवार का रिजर्वेशन कंफ़र्म हो जाये | जिससे आपके सफर में कोई भी बांधा न आ सके |
- अपनी इच्छा की यात्रा का चुनाव का ध्यान रखकर पहले बजट बना ले | साथ ही अपना एटीएम कार्ड साथ रख ले व ध्यान रखे सफर के दोरान अधिक पैसे साथ न रखे |
- यात्रा पर रवाना होने के दो दिन पहले से ही यात्रा पर साथ ले जाने वाली सभी चीजो की सूची बना ले | जैसे- एटीएम कार्ड , मोबाइल चार्जर , कपडे , खाने की चीजे | ऐसे करने से साथ ले जाने वाली चीज नहीं छूटेंगी |
- यात्रा के दोरान हल्के और आरामदायक कपड़े ही ले जाना चहिये | वो भी आवश्यकता अनुसार, अधिक नहीं |
हम उम्मीद करते है यह सफर आपको बहुत पसंद आया होगा | यदि आप इस जगह जा चुके है या फिर जाने का प्लान कर रहे है तो नीचे दिये कमेंट बॉक्स में जरुर बताये |
आप भारत में किस जगह जाना चाहते है हमे कमेंट बॉक्स में बताये | उस जगह की सम्पूर्ण जानकारी हमारी टीम 48 घंटे के अंदर article के माध्यम से पुब्लिस कर देगी |
आप हमसे नीचे दिये बटन join telegram से जुड़े जिससे हर दिन फायदेमंद पोस्ट आप तक पहुचे |ऐसे ही अपना प्यार बनाये रखे आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद| यदि बटन काम न करे | तो दो – तीन बार पेज को रिफ्रेश करे या टेलीग्राम पर सर्च करे @everythingpro_in|
Join Telegramयहाँ भी जाये घुमने :
- चंबा हनीमून मानाने की नये जोड़ो की पहली पसंद
- कोडैकनाल सुन्दरता का खजाना
- अधिकतर भारत के लोग जाते है इस शानदार जगह पर
Great post