क्रिसमस का नाम सुनते ही हमारे मन में रोशनी , सजावट , स्वीट्स , गिफ्ट और ख़ुशी प्रतिक होने लगती है | हर घर में सजे धजे क्रिसमस ट्री जिसमे रौशनी व अन्य बच्चो के गिफ्ट होते है | जिसको देखकर हमारे साथ साथ बच्चो में भी एक अलग ही ख़ुशी देखने को मिलती है |
विदेशो में सफ़ेद दाड़ी , लाल टोपी व लाल कपड़ो में सांताक्रूज घर घर जा कर अनेक प्रकारों के गिफ्ट बच्चो को देते है | जिन गिफ्ट को पाकर बच्चो में अलग ही ख़ुशी प्रदान होती है |
आज यह फेस्टिवल विदेशो में ही नहीं वल्कि हमारे भारत में भी बड़े जोश से मनाया जाने लगा है |
क्रिसमस क्यों मनाया जाता है ?
ख़ुशी और उल्लास का यह फेस्टिवल इसाई समुदाय का सबसे बड़ा फेस्टिवल है | इसाई समुदाय के अनुसार यह फेस्टिवल इसूमसी के जन्म दिन के रूप में मनाया जाता है |यह फेस्टिवल हर वर्ष 25 दिसम्बर को मनाया जाता है | इसी दिन जीसस क्राई का जन्म हुआ था | जीसस क्राई को भगवान का बेटा माना जाता है | यानि Son of God भी बोला जाता है |
क्या आप जानते है इसूमसी का जन्म कैसे हुआ ?
आज से हजारो वर्ष पहले एक स्वर्ग दूत ने एक महिला जिसका नाम मरियम को दर्शन दिये और उस महिला से बोला कि तुम पवित्र आत्मा की ओर से गर्ववती होगी | और एक पुत्र को जन्म देगी | जिसका नाम इसू होगा |
मरियम ने अपने पति युसूफ को यह बात बताई | और युसूफ यह बात सुन कर डर गया और मरियम को उसके हाल पर छोडकर चला गया |
स्वर्गदूत युसूफ के सामने भी प्रकट हुए और युसूफ से बोले कि मरियम पवित्र आत्मा से गर्ववती है उससे मत डरो | और स्वर्गदूत की बात सुनकर युसूफ मरियम के साथ रहने लगा |
मरियम ने कुछ दिनों में एक पुत्र को जन्म दिया | जिसका नाम इसू रखा गया | इसू का जन्म होने पर युसूफ ने गरीबो के दल के एक व्यक्ति से बोला कि यह बालक तुम सब गरीबो का मसिया होगा | सभी गरीब व्यक्ति यह सुन कर बहुत खुश हुए कि पास में ही उदारकर्ता इसू का जन्म हुआ |
क्रिसमस पर तारे का भी बहुत अधिक महत्व है क्योकि इसी तारे ने भगवान के पुत्र इसू के जन्म की सुचना धरती पर दी थी | इसू ने बड़े हो कर गरीबो के मसिया बने | और समाज को समानता का पाठ पढ़ाया | जीसस क्राई यानि इसू एक महान व्यक्ति थे | और उन्होंने समाज को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी |
उन्होंने दुनिया को प्यार और भाई चारा का सन्देश दिया | और गरीबो के हित के लिये हमेशा खड़े रहे | यह सब वहा के शासकों को जीसस का संदेश पसंद नहीं आ रहा था और यह वजह रही की वहा के शासकों ने क्रोस पर इसूमसी को मृत्यु दंड दिया |
जीसस की मृत्यु के बाद लोगो ने उनके शव को एक गुफा में बड़े पत्थर से ढक दिया | अगले दिन लोग जब वहा से गुजरे तो उन्होंने देखा कि वो पत्थर वहा से हटा हुआ था | और जीसस का शव वहा नहीं था | लोगो ने अंदर देखा तो इसू नहीं मिले | और ऐसी मान्यता है कि जीसस फिर से जीवित हो चुके थे | और कुछ लोगो ने तो उनके दर्शन भी किये थे |
जानिए कौन है santa claus ?
25 दिसम्बर को क्रिसमस मनाया जाता है | और क्रिसमस santa claus के बिना अधूरा है | पर आखिर यह santa claus कौन है ? हम आपको बता दे कि santa claus खुद जीसस तो नहीं है क्योकि बाइबल में कही भी santa शब्द का जिक्र हुआ ही नहीं है | यदि जीसस santa होते तो बाइबल में कही भी जीसस के santa रूप का जिक्र होता | पर ऐसा है नहीं तो सवाल उठता है कि आखिर santa claus कौन थे ?
क्रिसमस का फेस्टिवल जीसस की मृत्यु के बाद कई साल बाद मनाया गया | जब जीसस जीवित थे तो उनके जीते जी क्रिसमस का फेस्टिवल नहीं मनाया गया | यानि santa जीसस नहीं थे | आज हम इस article में येही समझने की कोशिश करेंगे | कि यदि जीसस santa नहीं है तो santa claus आखिर कौन है ?
आखिर santa claus कौन थे ?
santa claus के पीछे कोई पुख्ता सबूत तो नहीं है | पर लोगो की एक कहानी है |
सांताक्रूज की जो कहानी बतायी जाती है वो है सेंत निकोलस की | सेंत निकोलस का जन्म तीसरी सदी में जीसस की मृत्यु के बाद 280 साल बाद हुआ था | सेंत निकोलस के माता पिता का दिहांत बचपन में ही हो गया था | जिसके बाद उन्होंने अपना पूरा जीवन मानव हित में दे दिया |
उन्हें लोगो की मदद करने में बहुत ख़ुशी मिला करती थी | वो गरीब बच्चो को कई गिफ्ट दिया करते थे | वो हर वो काम करते जिससे लोगो व बच्चो की मदद होती | और वो अक्सर बच्चो को गिफ्ट दिया करते |
सेंत निकोलस ही सांताक्रूज है यह कहानी है | पर इस कहानी में एक सवाल है | सवाल यह कि जब सेंत निकोलस गरीबो की मदद करते थे उन्हें बच्चो को गिफ्ट देना अच्छा लगता था | तो वो क्रिसमस के दिन छुपकर क्यों करते जबकी वाकी के दिन में वो ऐसा नहीं करते थे |
जो लोग यह मानते है कि सेंत निकोलस ही सांताक्रूज है वो कहते है कि वो यह इसलिये करते क्योकि छिपकर बच्चो को गिफ्ट देने पर, बच्चो की ख़ुशी दोगुनी हो जाती है | लोग कहते है कि ऐसा सेंत निकोलस बच्चो की ख़ुशी दोगुनी करने के लिये करते हो | क्योकि कुछ भी अचानक मिलता है तो ख़ुशी दो गुनी होती है |
सांताक्रूज के पुख्ता सबूत तो कुछ भी नहीं है पर यह कहानी अक्सर सांताक्रूज के साथ जोड़ी जाती है | हम उम्मीद करते है यह article आपको पसंद आया होगा | अपने मित्रो व परिवार के लोगो को जरुर शेयर करे | आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद |