Ramayanam 2025 : अब 1600 करोड़ खर्च हो रहे हैं, तब देसी जुगाड़ से बना था इतिहास
आज जहां नितेश तिवारी की ‘रामायणम्’ 1600 करोड़ के मेगा बजट के साथ तैयार हो रही है, वहीं 38 साल पहले रामानंद सागर ने बिना किसी आधुनिक तकनीक के मात्र 7 करोड़ में ‘रामायण’ रच दी थी। वो भी इस कदर कि उसे आज भी पौराणिक टीवी शोज़ का बेंचमार्क माना जाता है।
रामानंद सागर की ‘रामायण’: जो आज भी यादों में जिंदा है
1987 में जब ‘रामायण’ पहली बार दूरदर्शन पर प्रसारित हुई थी, तब लोगों ने हर रविवार को सड़कें सुनसान कर दी थीं। उस दौर में न VFX था, न CGI, न ऑडियो इंजीनियरिंग—फिर भी ये सीरियल दर्शकों के दिलों पर छा गया। कुल 78 एपिसोड, हर एपिसोड पर खर्च करीब 9 लाख—और पूरी सीरियल सिर्फ 7 करोड़ में बनकर तैयार!
अब VFX का जलवा, तब आइडियाज का जादू
जहां आज ‘रामायणम्’ के VFX तैयार कर रही है ऑस्कर-विजेता नमित मल्होत्रा की कंपनी Prime Focus, वहीं रामानंद सागर ने तब SEG 2000 नाम की मशीन का सहारा लिया था। ये उस समय की नई तकनीक थी, जिससे तीरों के टकराव और प्रकाश प्रभाव तैयार किए गए थे।
उन दिनों कंप्यूटर ग्राफिक्स नहीं थे, इसलिए रोशनी के लिए शीशे, मैकेनिकल एफेक्ट्स और यहाँ तक कि रुई और अगरबत्ती का भी सहारा लिया गया।
जुगाड़ से बने थे पहाड़, बादल और रावण का महल
बादल और कोहरा कैसे बना?
रात के दृश्य फिल्माते समय रुई से बादल और अगरबत्ती के धुएं से कोहरा बनाया गया।
पहाड़ और झरने कैसे दिखे?
मिनिएचर मॉडल्स और कटआउट्स बनाए गए, जिन्हें कैमरे के एंगल से विशाल दिखाया गया।
रावण का महल सिर्फ 4 फीट का था!
हीराभाई पटेल द्वारा बनाए गए मिनिएचर सेट को ट्रिक फोटोग्राफी से ऐसा दिखाया गया मानो वह विशाल किला हो।
अब तीन पार्ट में बनेगी नई ‘रामायण’, खर्च होगा 1600 करोड़
नितेश तिवारी की ‘रामायणम्’ को तीन भागों में बनाया जा रहा है और इस पर कुल लागत होगी करीब 1600 करोड़ रुपये। इसमें अत्याधुनिक VFX, CGI और हॉलीवुड स्तर के विजुअल्स होंगे। फिल्म में रावण की लंका, समुद्र पुल और राम-रावण युद्ध जैसे दृश्य बड़े पैमाने पर और भव्यता के साथ पेश किए जाएंगे।
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तकनीक बदल गई, पर कहानी आज भी वही है
आज भले ही तकनीकें बदल गई हैं, बजट कई सौ गुना बढ़ गया है, लेकिन रामायण की कहानी और उसकी आत्मा आज भी वैसी ही है। रामानंद सागर की बनाई हुई ‘रामायण’ ने यह साबित कर दिया था कि जुनून, कल्पना और भारतीयता के मेल से बिना भारी-भरकम बजट के भी इतिहास रचा जा सकता है।