रसीख दार: कश्मीर के तेज गेंदबाज की आईपीएल 2025 में धमाकेदार एंट्री

रसीख दार : क्रिकेट के मैदान पर जब कोई युवा खिलाड़ी अपनी पहली गेंद फेंकता है, तो वह सिर्फ एक डिलीवरी नहीं होती… वह उसके सपनों, मेहनत और उम्मीदों का पहला कदम होता है।

जम्मू-कश्मीर के रसीख दार के साथ यह कहानी 2019 में शुरू हुई, जब महज 17 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल डेब्यू किया। आज 2025 में, वह भारतीय क्रिकेट के भविष्य के “फास्ट बॉलिंग ज्वेल” के तौर पर चर्चा में हैं।

पर 2026 तक यह कश्मीरी पेसर कहाँ पहुँचेगा? क्या वह टीम इंडिया का हिस्सा बन पाएगा? या फिर उसके सामने चुनौतियाँ ही चुनौतियाँ होंगी? आइए, एक अलग अंदाज़ में जानते हैं उनकी यात्रा के हर पहलू को।

वह गाँव जहाँ से शुरू हुआ रसीख दार का सफर: क्रिकेट के लिए ‘आग’ और ‘बर्फ’ का संगम 

रसीख दार का जन्म 1999 में जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के छोटे से गाँव खानाबल में हुआ। यह इलाका प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है, लेकिन यहाँ के युवाओं के सपनों पर अक्सर राजनीतिक उठापटक की छाया रही है। रसीख के पिता एक किसान थे, और घर की आर्थिक हालात ऐसी नहीं थी कि क्रिकेट जैसे महंगे खेल को सपोर्ट कर सकें। लेकिन इस लड़के ने कठिनाइयों को अपनी ताकत बनाया: 

– स्कूल के मैदान में पत्थरों से विकेट बनाकर प्रैक्टिस 

– पुराने टायरों को लक्ष्य बनाकर यॉर्कर की प्रैक्टिस 

– सर्दियों में बर्फ़ से ढके मैदान में दौड़कर स्टैमिना बनाना 

क्रिकेट के प्रति उनका जुनून इतना था कि उन्होंने 14 साल की उम्र में घर छोड़कर जम्मू की एक अकादमी जॉइन की, जहाँ कोच अजय भारद्वाज ने उनकी प्रतिभा को पहचाना।

आईपीएल 2019: वह मौका जिसने बदल दिया गेम 

2019 में मुंबई इंडियंस ने रसीख को 20 लाख में खरीदा। यहाँ एक विडंबना है: उन्होंने अपना डेब्यू मैच चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला, जहाँ उनके आइडल लसिथ मलिंगा ने उन्हें कप्तान रोहित शर्मा से मिलवाया।

उस मैच में उनके आंकड़े साधारण थे (0/34 in 4 overs), लेकिन 147 kmph की स्पीड और सटीक लाइन ने सबका ध्यान खींचा। 

लेकिन फिर झटका: बीसीसीआई ने उनकी उम्र से जुड़े दस्तावेज़ों में गड़बड़ी का आरोप लगाकर 2 साल का बैन लगा दिया। यह वह दौर था जब रसीख के करियर पर प्रश्नचिह्न लग गया। पर उन्होंने हार नहीं मानी: 

– बैन के दौरान जम्मू-कश्मीर की टीम के साथ नेट प्रैक्टिस जारी रखी 

– फिटनेस पर फोकस किया (वजन घटाकर 72kg किया) 

– 2021 में केरला क्रिकेट एसोसिएशन के साथ जुड़कर डोमेस्टिक क्रिकेट में वापसी की 

2023 तक का सफर: स्टैट्स जो बताते हैं स्टोरी** 

रसीख ने 2022-23 में डोमेस्टिक क्रिकेट में शानदार वापसी की: 

विजय हजारे ट्रॉफी: 8 मैचों में 14 विकेट, इकॉनमी 4.2 

सैयद मुश्ताक अली टी20: 5 मैच, 9 विकेट, स्ट्राइक रेट 12.3 

आईपील 2023:** कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए 3 मैच, 5 विकेट 

लेकिन यहाँ सबसे दिलचस्प बात यह है कि उनकी गेंदों का 22% स्विंग (इनस्विंग और आउटस्विंग दोनों) होता है, जो उन्हें भारत के अन्य युवा गेंदबाज़ों से अलग करता है। कोच ट्रॉवर जोन्स कहते हैं, *”रसीख की सबसे बड़ी ताकत उनकी गेंद को लेट स्विंग कराने की कला है। वह पावरप्ले में विकेट लेने की क्षमता रखते हैं।”*

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2025 की भविष्यवाणी: क्या कहते हैं एक्सपर्ट?** 

क्रिकेट एनालिस्ट रवि शास्त्री के अनुसार, *”अगर रसीख अपनी फिटनेस बरकरार रखते हैं और गेंद की कंडीशन के हिसाब से वैरायटी डेवलप करते हैं, तो 2025 तक वह टीम इंडिया के लिए रेगुलर हो सकते हैं।”* 

संभावित सिनेरियो:

1. आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2024: भारत की टीम में बेंच स्ट्रेंथ के तौर पर जगह 

2. 2025 टेस्ट डेब्यू: इंग्लैंड या ऑस्ट्रेलिया के टूर पर स्विंग-फ्रेंडली पिच पर मौका 

3. आईपीएल 2025 तक:** 100+ विकेट और किसी टीम का लीड बॉलर 

चुनौतियाँ 

जम्मू-कश्मीर में क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी 

युवा प्रतिस्पर्धा (उमरान मलिक, आर्शदीप सिंह, मुकेश कुमार) 

इंजरी प्रोन: 2022 में कंधे की चोट ने एक सीज़न खराब किया 

कश्मीर से क्रिकेट तक: एक सामाजिक क्रांति का प्रतीक** 

रसीख सिर्फ एक क्रिकेटर नहीं हैं। वह उन हज़ारों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं जो संघर्षों के बीच अपने सपनों को जीवित रखते हैं। जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष इरफान पठान कहते हैं, *”रसीख ने साबित किया कि कश्मीर सिर्फ हथियारों की खबरों के लिए नहीं है। यहाँ के युवा बल्ले और गेंद से भी इतिहास रच सकते हैं।”* 

उनकी सफलता का असर साफ़ दिखता है: 

– अनंतनाग में 3 नई क्रिकेट अकादमियाँ खुली हैं 

– 2022 में जम्मू-कश्मीर की U-19 टीम ने पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई 

– BCCI ने श्रीनगर में नए स्टेडियम का प्रोजेक्ट शुरू किया 

 2025 तक क्या एक्सपेक्ट करें?** 

1. **स्मार्ट बॉलिंग:** डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल करके बल्लेबाज़ों की कमज़ोरियों को टारगेट करना 

2. **लीडरशिप:** जम्मू-कश्मीर टीम की कप्तानी और आईपीएल में वाइस-कप्तान का रोल 

3. **वैरायटी:** स्लो बाउंसर और नटकटर यॉर्कर को आर्सेनल में शामिल करना 

उनके कोच अजय भारद्वाज का कहना है, *”रसीख में वह जुनून है जो कपिल देव और जहीर खान जैसे महान गेंदबाज़ों को अलग बनाता है। 2025 तक वह भारत के सबसे विश्वसनीय डेथ ओवर बॉलर बन सकते हैं।”*

कश्मीर का यह सितारा क्या पूरा करेगा? 

रसीख दार की कहानी सिर्फ क्रिकेट नहीं… यह उस जुनून की कहानी है जो हर बाधा को पार कर लेता है।

 2025 तक, अगर वह नियमित रूप से 140+ kmph की स्पीड बनाए रखते हैं और टीम में अपनी जगह बनाते हैं, तो भारतीय गेंदबाज़ी की पहचान बदल सकते हैं। पर इससे भी बड़ी बात यह है कि वह कश्मीर घाटी के उन हज़ारों बच्चों के लिए एक आशा की किरण हैं, जो क्रिकेट को अपनी तकदीर बदलने का जरिया मानते हैं। 

आखिर में, जैसे रसीख कहते हैं, *”मैं नहीं जानता कल क्या होगा, लेकिन आज मैं हर गेंद को ऐसे डालता हूँ जैसे वह मेरी आखिरी गेंद हो।”* शायद यही उनकी सफलता का राज है। 

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