“Angkrish Raghuvanshi: दिल्ली के गलियों से IPL तक, एक स्टार की अनकही यात्रा”

Angkrish Raghuvanshi: भारतीय क्रिकेट का उभरता सितारा – संघर्ष, सफलता, और एक नई उम्मीद   

क्रिकेट, भारत का धर्म है, और इस धर्म के नए पुजारियों में एक नाम उभरकर सामने आ रहा है –  अंगकृष्ण रघुवंशी । यह नाम आज के दौर में उन युवा खिलाड़ियों में शुमार हो गया है जिनसे भारतीय क्रिकेट के भविष्य को लेकर बड़ी उम्मीदें जुड़ी हैं।

सिर्फ 18 साल की उम्र में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) जैसे मंच पर कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) के रंगों में खेल चुके अंगकृष्ण की कहानी सिर्फ प्रतिभा और मेहनत की नहीं, बल्कि एक सपने को पूरा करने के जुनून की भी है। यह लेख उनके सफर, उनकी खासियत, और उनके भविष्य को समझने की कोशिश करता है।

बचपन और क्रिकेट की शुरुआत: दिल्ली से मुंबई तक का सफर

अंगकृष्ण रघुवंशी का जन्म 18 दिसंबर 2005 को दिल्ली में हुआ। उनके पिता, अविनाश रघुवंशी, एक बिजनेसमैन हैं, जबकि माँ, माला रघुवंशी, होममेकर हैं।

बचपन से ही क्रिकेट के प्रति उनका झुकाव था। 6 साल की उम्र में ही वह गली क्रिकेट में बल्लेबाजी करते नजर आते थे। लेकिन उनकी प्रतिभा को पहचानने वाला व्यक्ति उनका चाचा, निशांत रघुवंशी, रहा, जो खुद एक क्लब क्रिकेटर थे। 

2013 में, जब अंगकृष्ण 8 साल के थे, उनके परिवार ने एक बड़ा फैसला लिया – क्रिकेट को गंभीरता से आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली छोड़कर मुंबई  चले जाना। यह कदम इसलिए महत्वपूर्ण था क्योंकि मुंबई भारतीय घरेलू क्रिकेट का हब माना जाता है।

यहाँ उन्होंने प्रसिद्ध शिवाजी पार्क जिमखाना क्लब में ट्रेनिंग शुरू की, जहाँ सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गजों ने अपने करियर की नींव रखी थी। 

युवा क्रिकेट में धमाल: रणजी ट्रॉफी और U-19 वर्ल्ड कप 

अंगकृष्ण ने अपने करियर की शुरुआत मुंबई की अंडर-16 टीम से की। 2019 में, उन्होंने कोचिंग अकादमी ‘वीरेंद्र सहवाग क्रिकेट फॉर्मेसी जॉइन की, जहाँ उनकी टेक्नीक और मानसिकता को निखारा गया। 2022 में, उन्होंने  मुंबई की अंडर-19 टीम के लिए दमदार प्रदर्शन किया, जिसमें एक मैच में 147 गेंदों पर 207 रन की पारी शामिल थी। 

लेकिन उनका बड़ा मौका आया 2024 ICC अंडर-19 वर्ल्ड कप में, जहाँ वह भारतीय टीम के प्रमुख बल्लेबाजों में से एक थे। उन्होंने टूर्नामेंट में 48.50 के औसत से 291 रन बनाए, जिसमें श्रीलंका के खिलाफ 144 रन की शानदार पारी भी शामिल थी। यह प्रदर्शन उनके लिए IPL में एंट्री का टिकट साबित हुआ। 

IPL में एंट्री: KKR का ‘हिडन जेम

2023 IPL ऑक्शन में, कोलकाता नाइट राइडर्स ने अंगकृष्ण को 20 लाख रुपये में खरीदा। हालाँकि, उन्हें पहले सीजन में खेलने का मौका नहीं मिला, लेकिन 2024 सीजन में टीम के कोच चंद्रकांत पंडित और मेंटर अभिषेक नायर ने उन पर भरोसा दिखाया। 

उनका पहला मैच था चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ, जहाँ उन्होंने नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते हुए 27 गेंदों में 54 रन की धमाकेदार पारी खेली। यह पारी न सिर्फ उनकी टीम के लिए जीत का आधार बनी, बल्कि उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ का खिताब भी दिलवाया। उनकी खासियत रही , गेंद को 360 डिग्री एंगल में खेलने की क्षमता और प्रेशर स्थितियों में कूल रहना। 

खेल शैली: आधुनिक क्रिकेट का ‘हाइब्रिड बैट्समैन’ 

अंगकृष्ण की बल्लेबाजी में पारंपरिक और आधुनिक क्रिकेट का अनूठा मिश्रण है। वह टेस्ट क्रिकेट की तरह टिककर खेल सकते हैं, तो T20 की तरह फटाफट रन भी बना सकते हैं। उनकी कुछ खास बातें: 

1. फुटवर्क और टाइमिंग: स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ उनकी फुटवर्क बेहतरीन है। वह क्रीज पर तेजी से पैर घुमाकर गेंद को गैप्स में खेलते हैं। 

2. पुल और कट शॉट्स: बैकफुट पर खेलने में माहिर अंगकृष्ण, ऑफ साइड में कट और स्क्वायर कट शॉट्स का खूब इस्तेमाल करते हैं। 

3. मेंटल टफनेस: U-19 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में, जब भारत 32/3 की मुश्किल स्थिति में था, अंगकृष्ण ने 89 रन की पारी खेलकर मैच पलट दिया। 

कोच अभिषेक नायर उन्हें “युवा विराट कोहली ” कहते हैं, क्योंकि वह फिटनेस और डेडिकेशन में उनसे मेल खाते हैं। 

चुनौतियाँ और आलोचनाएँ: आगे का रास्ता 

हालाँकि, अंगकृष्ण का सफर बिना रुकावटों का नहीं रहा। 2022 में, उन्हें लोअर बैक इंजरी ने जकड़ लिया, जिससे वह 6 महीने मैदान से दूर रहे। इस दौरान उन्होंने मेडिटेशन और योग की मदद से खुद को संभाला। 

कुछ विशेषज्ञ उनकी टेम्पो को लेकर सवाल उठाते हैं। टी20 में स्ट्राइक रेट 130 के आसपास है, जो आधुनिक क्रिकेट के मानकों से थोड़ा कम है। लेकिन उनकी टीम के साथी श्रेयस अय्यर कहते हैं, “वह सीखने के लिए तैयार रहते हैं। एक साल में उनकी ग्रोथ देखकर हैरान रह जाएंगे।” 

भविष्य की संभावनाएँ: टीम इंडिया की ओर कदम 

अंगकृष्ण के सामने अगले 2-3 साल बेहद अहम हैं। घरेलू क्रिकेट में उन्हें रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में मुंबई के लिए लगातार प्रदर्शन करना होगा। IPL में कंसिस्टेंसी उन्हें टीम इंडिया के सेलेक्टर्स की नजर में ला सकती है। 

क्रिकेट एनालिस्ट हर्षा भोगले का मानना है कि, “अगर वह अपनी फिटनेस बनाए रखते हैं और स्पिन के खिलाफ टेक्नीक में सुधार करते हैं, तो 2027 विश्व कप तक वह भारतीय मिडल ऑर्डर का हिस्सा बन सकते हैं।” 

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ऑफ-द-फील्ड: शांत स्वभाव और पढ़ाई का शौक 

अंगकृष्ण को क्रिकेट के अलावा पढ़ाई और म्यूजिक का शौक है। उन्होंने मुंबई के **रयान इंटरनेशनल स्कूल** से 12वीं की पढ़ाई पूरी की है और अब दूरस्थ शिक्षा के जरिए ग्रेजुएशन कर रहे हैं। उनकी पसंदीदा किताबें हैं –प्लानिंग इट माई वे’ (सचिन तेंदुलकर) और ‘द मोंक हू सोल्ड हिज़ फेरारी’। 

 निष्कर्ष: एक सितारा जो चमकने को तैयार है 

अंगकृष्ण रघुवंशी की कहानी उस जुनून की मिसाल है जो मेहनत और सही मार्गदर्शन से सफलता में बदल जाता है। वह न सिर्फ एक अच्छे खिलाड़ी, बल्कि एक विनम्र इंसान भी हैं, जो टीम के लिए हमेशा आगे रहते हैं। जैसे-जैसे वह परिपक्व हो रहे हैं, भारतीय क्रिकेट का भविष्य उज्जवल दिखता है। 

आने वाले सालों में, जब हम टीम इंडिया को नए चेहरों के साथ देखेंगे, तो अंगकृष्ण रघुवंशी का नाम उनमें अवश्य शुमार होगा। जैसा कि उनके कोच कहते हैं, “यह लड़का खास है… बस उसे थोड़ा वक्त दो।”

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