क्या आपका भी बेटा खेलता है गेम तो जरुर पढ़े-
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जैसे ही भारत में पबजी बेन हुआ है तो गेम के शोकीन युवाओ में बहुत बेचेनी पैदा हो गयी है | पबजी में नये युवाओ का काफी क्रेज था | जिसमे वो अधिकतर अपने दिन का समय पबजी को दिया करते थे |
कई युवा तो इसकी गिरफ्त में इतना आ चुके थे की वो अपने दिन का कीमती वक़्त 6 से 8 घंटे पबजी को दिया करते जो की उनके मानसिक स्वास्थ्य पर काफी हानिकारक होता जा रहा था |
पबजी बंद हो जाने से अभी ही कुछ दिनों पहले एक छात्र ने पबजी न खेल पाने के कारण खुदकुसी कर ली थी जो की आईटीआई का छात्र था व वो पबजी न खेल पाने के कारण दुखी था जिस वजह से उसने खुदकुशी कर ली |
यह बहुत दुखद घटना थी जिससे हर किसी को दुःख पहुचा | पबजी के कारण कितनी घटना हो चुकी है इससे हम सबी भलीभांति परिचित है | आज हम आप सभी को इस article के माध्यम से बताने का प्रायस करेंगे की आखिर क्यों युवा इसको अपनी जिन्दगी का हिस्सा बना लेते है |
क्यों इस पबजी गेम से युवाओ का इतना लगाब है व हम आपको यह भी बतायंगे की यदि आपका बच्चा गेम खलने की लत में पड़ चुका है और गेम को अपने दिन का अधिक से अधिक समय गेम में दे रहा है तो इस लत को कैसे दूर करे |
पबजी गेम से जो पेरेंट्स बहुत परेशान हो गए थे उन्हें अब यह पबजी बंद हो जाने से काफी सकून महसूस हो रहा होगा , अब सबी पेरेंट्स को थोड़ी बहुत रहात जरुर मिल रही होगी | भारत सरकार ने 118 चीन की एप्स के साथ-साथ पबजी को भी बेन हो जाने के बाद कई युवाओ के व्यवहार में परिवर्तन देखने को मिल रहा है |
वो पबजी न खलेने की वजह से उनके मन में चिड-चिडापन सा आ गया है | क्योकी इन सभी खेलने वाले युवाओ ने इस पबजी को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना लिया था |
जैसा की हमने बताया की हाल ही में पश्चिम बंगाल में 21 वर्ष के एक छात्र ने पबजी के कारण खुदकुशी कर ली थी व जम्मू के एक जिम ट्रेनर को पबजी की इतनी लत पड़ चुकी थी की वो मानसिक शिकार हो गए व पबजी ने उन्हें हॉस्पिटल तक पहुचा दिया |
यह कुछ पहली घटना नहीं है इससे पहले ही कई घटना हो चुकी है जिससे कई लोगो ने आत्महत्या को अंजाम दिया | आप इस गेम की लोकप्रियता का अंदाजा यही से लगा सकते है की इस गेम को भारत में 17 करोड़ से अधिक लोग डाउनलोड कर चुके थे व इसकी गिरफ्त में आये कई बच्चो के घर वाले डॉक्टर से भी संपर्क कर रहे थे |
गेम को न बनने दे अपने जीवन का हिस्सा-
एम्स नई दिल्ली से मनोचिकत्सा विभाग के पूर्व अध्यक्ष डॉ.सुधीर खंडेलवाल का कहना है की गेम खेलते खेलते कब यह लत में बदल जाये यह कहना मुश्किल है | पर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की हम जब सुबह जागते है तो सबसे पहले हमरी नजरे हमारे स्मार्टफोन को खोजती है |
यह बिल्कुल उसी प्रकार है जैसे एक ड्रग की लत या सिगरेट की लत वाले के साथ होता है वह सुबह जागते ही सिगरेट पीते है व उसके बाद अपने दिन की शुरुआत करते है | उसी तरह से बच्चो या युवाओ को गेम की लत पड़ जाती है व उन्हें पता भी नहीं लग पता है की वो गेम की गिरफ्त में आ चुके है |
ऑनलाइन गेम की लत एक मनोविकार या कहे मानसिक सेहत से जुड़ा हुआ विषय है जो की बहुत महत्वपूर्ण है | गेमिंग की लत वाले युवा भूख प्यास या तो भूल जाते है या फिर अधिक खाने लागते है जिससे उन्हें मोटापा बढ़ने की समस्या होने लगती है |
वे खुद में रहने की वजाय गेम की काल्पनिक दुनिया के बारे में सोचने लागते है | गेम खेलना या पसंद करना यह बात बुरी नहीं है पर हम इसको कितने समय के लिए खेल रहे है व हमारे मानसिक स्वाथ्य पर कितना असर डाल रहा है यह जरुरी है | हर पेरंट्स को इस विषय के बारे में विचार करना चाहिए |
आखिर पब जी गेम में ऐसा क्या था ? जो युवा अपना कीमती वक़्त इसको दे रहे थे–
युवा इस गेम की काल्पनिक दुनिया में अपने आप को देखने लागते है व वो कब गेम खेलते खेलते इसकी गिरफ्त में आ जाते है इसका उन्हें पता भी नहीं लगता है |
इस गेम में युवा अपने ही साथ के मित्रो के साथ चार मित्रो की टीम बनाया करते थे जो की वे इसको काल्पनिक दुनिया से निकाल कर वास्तविक दुनिया में देखने लगते , जैसा उन्हें महसूस होता की यह सब लड़ाई वॉर वास्तविक दुनिया में हो रहा है व साथ ही साथ गेम खेलते खेलते वो अपने मित्रो के साथ लाइव बात भी किया करते जो की उन्हें पूरी तरह से विश्वास दिलाता की वो एक काल्पनिक दुनिया में नहीं वल्कि एक वास्तविक दुनिया में है |
जिस वजह से युवाओ के बीच यह गेम काफी लोकप्रिय होता चला गया | और यदि आपके मित्र आपके साथ नहीं है तो अन्य कोई भी इन्टरनेट की दुनिया के युवाओ लड़के-लडकिया के साथ भी आप खेल सकते थे और अन्य किसी दूसरे शहर के मित्र के साथ गेम खेलते खेलते बाते हो जाना भी इस गेम की लोकप्रयता का मुख्य कारण था |
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कैसे छुडाए गेम की लत –
जिन के बच्चे गेम की लत में पड़ चुके है उनके पेरेंट्स हमेशा से यह चाहते है की इस लत को दूर किया जाये | गेम खेलना या पसंद करना गलत नही है पर किसी भी चीज को हद से अधिक करना वो हानिकारक हो सकता है |
यदि आपका बच्चा भी गेम अधिक खेलता है और वो दिन का अधिक समय अपने गेम को देता है तो यह बहुत हानिकारक है | हम आपको बताते है की यह लत कैसे दूर की जा सकती है | आप सबसे पहले अपने बच्चे को गेम खेलने का एक समय बना दीजिये | इसी वक़्त कुछ देर तक गेम खेलना है |
यानि सिर्फ कुछ समय के लिए ही, इसके लिए आप क्वालिटी टाइम- माई डिजिटल डाइट एप्स का उपयोग कर सकते है जिससे आपको पता चलेगा की फ़ोन में कोन-कोन सी app कितनी देर use की गयी है|
इस app में आप टाइम सेट कर सकते है व time पूरा हो जाने के बाद यह आपको यह अलर्ट कर देगा की अपने या आपके बच्चे ने किस app को कितना उपयोग किया है | और time पूरा देखने के बाद आप अपने बच्चे को गेम टाइम पूरा हो जाने के बाद रोक सकती है |
यह app में आपको रियल टाइम रिपोर्ट आपको देता है | और यदि आप का बच्चा या कोई युवा online गेम खेलता है तो online गेम की जगह offline गेम खेलने की सलाह दे |
जैसे पजल गेम , ब्रेन ट्रेनिंग गेम , या एडवेंचर गेम इससे यह होगा की आप की गेम खेलने की इच्छा भी पूरी होगी व आप को कोई भी चीज से नुकसान नहीं पहुचेगा | और offline गेम खेलने के कुछ दिन बाद यह लत दूर हो ही जाती है | हम आपको सलाह देते है की आप offline गेम खेले व शर्त है कुछ समय के लिए ही |
पेरेंट्स क्या करे ? एक नजर डालते है-
- आप अपने बच्चे को गेम खेलने के लिए पूरे दिन में कुछ वक़्त खेलने की सलाह दे जैसे 20/30 मिनट पूरे दिन में , जिसके लिए आप क्वालिटी टाइम- माई डिजिटल डाइट एप्स का उपयोग कर सकते है |
- आप online गेम की वजह offline गेम खेलने की सलाह दे |
- यदि आपका बच्चा अधिक समय देता है गेम को तो आप अपने बच्चे को समझाये की बेटा इस गेम को सिर्फ मनोरंजन के लिए खले न की इस गेम को अपनी लाइफ का हिस्सा बना ले | आप समझाये कि क्या इस गेम खेलने से हमारी लाइफ कट जायेगी, क्या इस गेम को खेलने से हमारे पास पैसे आयेंगें नहीं न , तो हम अपना कीमती वक़्त क्यों इस गेम को दे रहे है | इस गेम को सिर्फ मनोरजन के लिए खेले जब आप पढ़ कर या अपना काम खत्म करके आराम करना चाहते है | तब कुछ समय के लिए खेल सकते है | जिससे आपको अच्छा फील भी होगा नहीं में अपना काम खत्म करके खेल रहा हूँ | और हमने अपना पूरा दिन का समय इस गेम को नहीं दिया | ऐसा करने से आपको गेम खेलने की लत से छुटकारा पा सकते है |
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