सुनीता विलियम्स एक भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री हैं, जो NASA (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
उनका जन्म 19 सितंबर 1965 को अमेरिका के ओहियो में हुआ था। भारतीय मूल की इस अंतरिक्ष यात्री ने कई रिकॉर्ड बनाए हैं और वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में एक विस्तारित मिशन पर हैं।
सुनीता विलियम्स का जीवन और करियर
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
सुनीता का जन्म अमेरिका के ओहियो राज्य में हुआ था। उनके पिता दीपक पंड्या भारतीय मूल के थे और उनकी मां बोनी पंड्या स्लोवेनियाई मूल की थीं।
उन्होंने यूएस नेवल एकेडमी से स्नातक किया और फ्लोरिडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री प्राप्त की।
नौसेना से NASA तक का सफर
- उन्होंने अमेरिकी नौसेना (US Navy) में एक हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में अपना करियर शुरू किया और कई महत्वपूर्ण मिशनों में भाग लिया।
- 1998 में NASA ने उन्हें एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना और तब से वह कई अंतरिक्ष अभियानों का हिस्सा रही हैं।
- सुनीता विलियम्स के नाम स्पेसवॉक का सबसे अधिक समय (50 घंटे से अधिक) बिताने वाली महिला का रिकॉर्ड है।
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वर्तमान अंतरिक्ष मिशन: ISS पर सुनीता विलियम्स
2024 का मिशन और चुनौतियाँ
सुनीता विलियम्स 5 जून 2024 को Boeing Starliner अंतरिक्ष यान के जरिए अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुई थीं। यह मिशन केवल 8 दिनों का होना था, लेकिन तकनीकी खराबियों के कारण इसे लगभग 240 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया।
- सुनीता ने इस दौरान ISS पर कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए और वैज्ञानिक अनुसंधान में योगदान दिया।
- उन्होंने ISS के जीवन समर्थन प्रणालियों की मरम्मत, स्पेसवॉक और अन्य मेंटेनेंस कार्यों में भी हिस्सा लिया।
- वह इस मिशन के दौरान ISS की कमांडर भी बनीं, जो उनके करियर में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
जन्मदिन अंतरिक्ष में मनाया
सुनीता विलियम्स ने 19 सितंबर 2024 को अपना 59वां जन्मदिन ISS में मनाया। इस खास दिन पर उन्होंने वैज्ञानिक शोध कार्यों के साथ-साथ स्टेशन के रखरखाव से जुड़े कार्य भी किए। उन्होंने इस दौरान अंतरिक्ष स्टेशन के अंदर माल ढुलाई का प्रबंधन भी किया |
अंतरिक्ष में 300 से अधिक दिन पूरे
इस मिशन के साथ सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष में बिताया गया कुल समय 322 दिनों से अधिक हो चुका है। इस उपलब्धि ने उन्हें अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिलाओं में से एक बना दिया है |
फरवरी 2025 में पृथ्वी पर वापसी
तकनीकी समस्याओं के कारण उनकी वापसी में देरी हुई, लेकिन अब उन्हें फरवरी 2025 में SpaceX Crew Dragon के जरिए पृथ्वी पर वापस लाने की योजना बनाई गई है।
सुनीता विलियम्स की प्रमुख उपलब्धियाँ
- पहली भारतीय मूल की महिला अंतरिक्ष यात्री, जिन्होंने कई स्पेसवॉक किए।
- अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिलाओं में से एक।
- ISS की कमांडर के रूप में कार्य करने वाली गिनी-चुनी महिलाओं में से एक।
- Boeing Starliner मिशन का हिस्सा बनने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री।
- स्पेसवॉक में 50+ घंटे का रिकॉर्ड।
सुनीता विलियम्स से मिलने वाली प्रेरणा
सुनीता विलियम्स की सफलता हमें यह सिखाती है कि धैर्य, मेहनत और समर्पण से हम किसी भी ऊँचाई को छू सकते हैं।
उन्होंने यह साबित किया है कि यदि सपनों को पाने का जुनून हो, तो कोई भी चुनौती हमें रोक नहीं सकती।
सुनीता विलियम्स की कहानी केवल अंतरिक्ष यात्राओं की नहीं है, बल्कि यह संघर्ष, समर्पण और उपलब्धियों की कहानी है।
वह आज भी नई ऊँचाइयों को छू रही हैं और दुनिया को दिखा रही हैं कि अंतरिक्ष केवल पुरुषों के लिए ही नहीं, बल्कि महिलाओं के लिए भी है।