समस्तीपुर का जडेजा: अनुकुल रॉय की क्रिकेट यात्रा और उपलब्धियां : Anukul Roy

अनुकुल रॉय (Anukul Roy) : क्रिकेट का उभरता सितारा** 

क्रिकेट, भारत का धर्म बन चुका है। इस खेल में नए-नए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का उभरना कोई नई बात नहीं है, लेकिन कुछ ऐसे नाम हैं जो अपनी मेहनत और संघर्ष से इतिहास रचने की ओर अग्रसर हैं।

अनुकुल रॉय (Anukul Roy) उन्हीं युवा खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्होंने बिहार जैसे राज्य से निकलकर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) और घरेलू क्रिकेट में अपनी पहचान बनाई है। यह लेख उनके सफर, चुनौतियों, और उनकी खेल शैली को गहराई से समझने का प्रयास करता है। 

बचपन और प्रारंभिक जीवन: एक साधारण शुरुआत 

अनुकुल रॉय का जन्म 30 नवंबर 1998 को बिहार के समस्तीपुर जिले में हुआ। उनका पूरा नाम अनुकुल सुरेंद्र रॉय है, लेकिन क्रिकेट जगत में वे अनुकुल रॉय के नाम से मशहूर हैं। बिहार, जो क्रिकेट के मामले में अक्सर पीछे रह जाता है, वहां से निकलकर IPL जैसे बड़े मंच तक पहुंचना किसी सपने के सच होने जैसा है। 

अनुकुल के पिता एक साधारण किसान थे, जबकि माता गृहिणी। क्रिकेट के प्रति उनका लगाव बचपन से ही था। गांव के मैदानों में टेनिस बॉल से खेलते हुए उन्होंने स्पिन गेंदबाजी की बारीकियां सीखीं। उनके कोच और स्थानीय मार्गदर्शकों ने जल्द ही उनकी प्रतिभा को पहचान लिया और उन्हें पटना के अकादमियों में प्रशिक्षण के लिए भेजा। 

युवा क्रिकेट में छाप: U-19 विश्व कप की ओर   

अनुकुल के करियर का सबसे बड़ा मोड़ 2018 का ICC अंडर-19 विश्व कप था। वे भारत की उस चमकदार टीम का हिस्सा थे, जिसने न्यूजीलैंड में आयोजित टूर्नामेंट को जीतकर इतिहास रचा। प्रशांत चोपड़ा और शुभमन गिल जैसे नामों के बीच अनुकुल ने अपनी लेफ्ट-आर्म ऑर्थोडॉक्स स्पिन से सबका ध्यान खींचा। 

टूर्नामेंट में उन्होंने 14 विकेट लिए, जिसमें सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ 4 विकेट शामिल थे। उनकी गेंदबाजी की सबसे बड़ी खासियत थी—सटीक लाइन, लेंथ, और बैट्समैन को चकमा देने की क्षमता। यही वजह है कि उन्हें टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में गिना गया। 

IPL में प्रवेश: कोलकाता नाइट राइडर्स के साथ सफर

2018 के U-19 विश्व कप के बाद अनुकुल को IPL 2018 की नीलामी में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने 20 लाख रुपये में खरीदा।

यहां उन्हें सनथ जयसूर्या और सुनील नारायण जैसे दिग्गज स्पिनरों के साथ काम करने का मौका मिला। हालांकि शुरुआती सीजन में उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले, लेकिन 2021 और 2022 के सीजन में उनकी भूमिका बढ़ी। 

KKR की टीम में अनुकुल की उपयोगिता सिर्फ गेंदबाजी तक सीमित नहीं है। वे एक उपयोगी लोअर-ऑर्डर बैट्समैन भी हैं और बेहतरीन फील्डिंग के लिए जाने जाते हैं। 2023 सीजन में उन्होंने गुजरात टाइटन्स के खिलाफ एक मैच में 3 विकेट लेकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। 

घरेलू क्रिकेट: बिहार और जोनल टीमों में योगदान   

IPL से इतर, अनुकुल ने घरेलू क्रिकेट में भी अपनी धाक जमाई है। वे बिहार की टीम के लिए रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में नियमित रूप से खेलते हैं। 2022-23 के रणजी सीजन में उन्होंने 27 विकेट लेकर टीम को ग्रुप चरण में आगे बढ़ाने में मदद की। 

इसके अलावा, वे ईस्ट जोन की टीम के लिए दुलीप ट्रॉफी में भी खेल चुके हैं। उनकी कप्तानी में बिहार की U-23 टीम ने 2019 में प्लेट लीग का खिताब जीता था, जो राज्य के क्रिकेट इतिहास में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। 

खेल शैली: स्पिन का जादूगर

अनुकुल रॉय की गेंदबाजी की सबसे बड़ी ताकत है—उनकी सटीकता। वे गेंद को धीमा घुमाने के बजाय, स्टंप से स्टंप लाइन पर डालते हैं, जिससे बैट्समैन को रन बनाने में दिक्कत होती है।

उनकी एक और खासियत है गेंद की गति में बदलाव। वे कभी धीमी गति से गेंद फेंकते हैं, तो कभी अचानक तेज कर देते हैं, जिससे बैट्समैन को रणनीति बनाने में गलतियां होती हैं। 

बल्लेबाजी में वे टीम को जरूरत के समय क्विक रन दे सकते हैं। IPL में उनका स्ट्राइक रेट 130+ रहा है, जो एक स्पिनर के लिए काफी अच्छा माना जाता है। 

चुनौतियां और संघर्ष  

बिहार से आने वाले खिलाड़ियों के लिए संसाधनों की कमी एक बड़ी बाधा है। अनुकुल ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पास प्रैक्टिस के लिए अच्छी पिच नहीं थी, और अक्सर उन्हें कंक्रीट के विकेट पर गेंदबाजी करनी पड़ती थी। इसके बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और अपने कोच रवींद्र कुमार के मार्गदर्शन में लगातार सुधार किया। 

IPL में शुरुआती दिनों में उन्हें बेंच पर बैठे रहना पड़ा, लेकिन वे टीम के सीनियर खिलाड़ियों से सीखते रहे। वरुण चक्रवर्ती और सुनील नारायण के साथ नेट सेशन ने उनकी गेंदबाजी को नई परिपक्वता दी। 

भविष्य की संभावनाएं: टीम इंडिया का सपना   

अनुकुल रॉय अभी अपने करियर के शुरुआती दौर में हैं, लेकिन उनकी प्रतिभा को देखते हुए कहा जा सकता है कि वे भविष्य में भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बन सकते हैं। टी20 और वनडे फॉर्मेट में उनकी स्पिन गेंदबाजी भारत के लिए उपयोगी साबित हो सकती है। 

उन्हें अगले कुछ वर्षों में और अधिक घरेलू मैचों और इंडिया ए टूर में प्रदर्शन करने की जरूरत है। इसके अलावा, IPL में लगातार अच्छे प्रदर्शन से उनकी दावेदारी मजबूत होगी। 

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व्यक्तिगत जीवन: सादगी और समर्पण  

अनुकुल अपने व्यक्तिगत जीवन में बेहद साधारण और अनुशासित हैं। वे सोशल मीडिया पर कम एक्टिव रहते हैं और अपना ज्यादातर समय प्रैक्टिस और फिटनेस पर देते हैं। उनके परिवार ने हमेशा उनका साथ दिया है—चाहे वह आर्थिक मुश्किलें हो या करियर के फैसले। 

उनका पसंदीदा खिलाड़ी रवींद्र जडेजा है, जिनसे वे फील्डिंग और ऑल-राउंड प्रदर्शन की प्रेरणा लेते हैं। 

बिहार की नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा   

अनुकुल रॉय की कहानी सिर्फ एक क्रिकेटर की नहीं, बल्कि उन सभी युवाओं की है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।

उनका सफर बताता है कि मेहनत और लगन से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। आने वाले वर्षों में अनुकुल न केवल बिहार बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण नाम बन सकते हैं। 

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