By- Sudhanshu Srivastava
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जज और मजिस्ट्रेट के कार्य व अधिकार में काफ़ी अंतर है |
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जज की नियुक्ति हाईकोर्ट के द्वारा होती है |
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जबकि मजिस्ट्रेट की नियुक्ति UP PCS J यानी ज्यूडिसियल एग्जाम पास करना होता है |
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जिला जज बनने के लिए आपके पास लॉ में डिग्री साथ ही 7 वर्ष का वक़ालत का अनुभव होना चहिये |
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वही मजिस्ट्रेट बनने के लिए लॉ डिग्री प्राप्त करने के बाद ज्यूडिसियल एग्जाम को पास स्टूडेंट्स मजिस्ट्रेट बन सकता है |
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दोनों में कार्य में काफी अंतर होता है मजिस्ट्रेट कोई भी फ़ासी की सजा नहीं सुना सकता | जबकि जज पर ये अधिकार होता है